दस मंजिल इमारत 48 घंटे में तैयार

आखिरकार महज 48 घंटे में दस मंजिला बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई। दुनिया के अजूबों में शामिल इस बिल्डिंग को शनिवार शाम देखने वालों का तांता लग गया।

इसके साथ ही सबसे कम समय में बिल्डिंग बनाने का कारनामा ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में शामिल कर लिया गया।

शाम साढ़े चार बजे सिनर्जी ग्रुप ने इस स्मार्ट बिल्डिंग का काम पूरा होने की घोषणा की।

कंपनी के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर हरदीप सिंह ने बताया कि यह पूरी तरह स्मार्ट बिल्डिंग है। इस बिल्डिंग के कई फायदे हैं। यह कम समय में बनकर तैयार होती है। वहीं, यह भूकंप रोधी है।

साथ ही इसमें रहने वाले लोगों को गर्मी या सर्दी के मौसम में परेशान नहीं होना पड़ेगा। तापमान कम या अधिक होने पर बिल्डिंग में लगे पर्दे ऑटोमेटिक ढंग से बंद और खुल जाएंगे।

उन्होंने बताया कि बिल्डिंग को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि इसमें बिजली की खपत अन्य बिल्डिंगों से पांच गुना कम होती है। अंदर 62 प्रतिशत तक शुद्ध साफ हवा आएगी।

उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह फैक्टरी मेड बिल्डिंग है। इसमें 200 टन लोहा लगा है। इसे 200 मजूदरों और तीन क्रेनों की मदद से लगातार काम करके तैयार किया गया।कंक्रीट का प्रयोग केवल बिल्डिंग की नींव में किया गया है।

अपना घर बनाने में लगे दो साल, तब आया आइडिया
सिनर्जी कंपनी के प्रमुख हरदीप सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने अपना मकान बनाने का काम शुरू किया था। इसे तैयार करने में लगभग दो साल का समय लगा।

जबकि बाद में कोई न कोई समस्या से उन्हें परेशान होना पड़ता था। इसी बीच उन्होंने ऐसी बिल्डिंग बनाने की योजना बनाई। जिसके बाद उन्होंने इस दिशा में काम शुरू कर दिया। आज नतीजा सभी के सामने है।

जब चाहो घर की लोकेशन करो चेंज
हरदीप सिंह ने बताया कि बिल्डिंग में नट बोल्ट और स्टील का प्रयोग किया गया है। इस स्टील में जंग नहीं लगती है। कोई अपने मकान को तोड़ना चाहता है या जगह बदलना चाहता है, तो आसानी से ऐसा किया जा सकता है।

क्योंकि इसमें नट बोल्ट लगे होते हैं। जिन्हें आसानी से खोलकर कहीं भी ले जाया जा सकता है। जबकि कंक्रीट की बिल्डिंग में ऐसा नहीं हो सकता है। वहीं, अगर कीमत की बात करें। तो दोनों का खर्च एक जैसा ही बैठता है।

बिल्डिंग में आग का खतरा भी नहीं
इस बिल्डिंग में आग लगने का कोई खतरा नहीं है। बिल्डिंग को टेक्नोलॉजी ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च स्ट्रकचरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर चेन्नई की तरफ से मान्यता मिली हुई है।

बिल्डिंग के इस मॉडल को भूकंप मापदंड जोन-5 की मान्यता मिली हुई है। वहीं, उन्होंने बताया कि बिल्डिंग में प्रयोग किए गए मैटीरियल को आग भी नहीं पकड़ सकती है।

कई देशों के लोगों ने देखी बनती हुई बिल्डिंग
सिनर्जी ग्रुप द्वारा दावा किया गया कि बिल्डिंग बनने की सारी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण किया गया है। कंपनी ने अपनी वेबसाइट में इसको लाइव दिखाया।

जिसे कई देशों के लोगों ने देखा। इसके अलावा जब बिल्डिंग पूरी हो गई तो उसको देखने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे। कई लोग बिल्डिंग के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं।

चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के अफसरों का भी लगा मेला
इस बिल्डिंग की चर्चा जहां पूरे वर्ल्ड में थी, वहीं, तीन राज्यों के अफसर भी बिल्डिंग पर पूरी तरह नजर रखे हुए थे। पहले दिन जहां डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने बिल्डिंग का शुभारंभ किया।

वहीं, हरियाणा के सीनियर आईएएस अधिकारी केके खंडेलवाल और बिल्डिंग का काम पूरा होने के टाइम चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी एसके सेतिया भी मौजूद रहे।

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